शंखेश्वर का नाथ है हमारा तुम्हारा…

शंखेश्वर का नाथ है हमारा तुम्हारा…तुम्हारा…हमारा.
पार्श्वप्रभु के दरिसन पाके जीवन है सुखकारा…
कैसी सुंदर काया, भक्तों के मन भाये,
कानों मे कुंडल सोहे, मस्तके मुकुट सुहाये,
मनकी इच्छा पूरी होवे, आये द्वार तिहारा. 1
इस तीरथ के कंकर, पत्थर हम बन जाये,
इन पावों से चलकर, तीरथ तेरे आये,
सच्चे मनसे ध्यान लगाये, होवे जगसे न्यारा. 2
तीरथ के दरिसन को, भक्त हजारों आये,
करके प्रभुका पूजन, अपने पाप खपाये,
युवक मंडल आज पुकारे, तारो तारणहारा. 3

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