पार्श्व जिणंदा माता वामाजी के नंदा….

(राग : देखी श्री पार्र्श्वतणी मूर्ति अलबेलडी…)

पार्श्व जिणंदा माता वामाजी के नंदा, तुम पर वारी जाउं खोल खोल रे,
हां रे! दरवाजा तेरा खोल खोल रे, हां रे! दरवाजा0…. हां रे!…।।1।।
दूर दूर से लंबी सफर से, हम दरिशन को अाये दौड दौड रे… हां रे! ।।2।।
पूजा करुंगा धूप धरुंगा, फूल चढाऊं बहु मोल मोल रे… हां रे! ।।3।।
तुं मेरा ठाकर में तेरा चाकर, एक बार मुजसे बोल बोल रे… हां रे! ।।4।।
श्री शंखेश्वर सुंदर मूरत,मुखडुं ते झाकम झोल झोल रे… हां रे! ।।5।।
रुप विबुधनो ‘मोहन’ पभणे, रंग लाग्यो चित्त चोल चोल रे… हां रे! ।।6।।

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