तीरथ प्याराे जन जन भायाे…

तीरथ प्याराे जन जन भायाे, पास शंखेश्वर साेहेजी &
वामानंदन कर्म निकंदन, नरनारीना मन माेहेजी &&
दूर दूरथी दर्शन वंदन, पूजन करवा अावेजी &
तन मन धनथी, भक्ति करतां, पाप वासना जावेजी 01

देहरीमां है अनेक जिनवर, भाव भगतिसुुं पूजीजे जी &
नव नव रचना अांगी रचावे, फूलना पगर भरीजे जी &&
जय जय ध्वनी गगने गाजे, गीत मधुर गवीजे जी &
देश देशना जात्रुं अावे, चरणे शीष नमावे जी 02

सूत्राें मांहे जिनवर पूजा, अनेक स्वरूपे दाखीजी &
मूर्ति भरावाे, पुष्पे पूजाे, अंग उपांग छे साखीजी &&
जल चंद्नने फूलनी पूजा, धूप दीप वली लावेजी &
अक्षत नैवेध फलनी पूजा, जयानंद गुण गावे जी 03

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