श्री शंखेश्वर प्रभु पास…

(राग : यह है पावन भूमि...) श्री शंखेश्वर प्रभु पास, मारी विनंती मानो खास, करो मुज हैयामां वास, मने दरिसण…

श्री चिंतामणि प्रभु पार्श्वजी…

(राग : अब सौंप दिया इस जीवन को...) श्री चिंतामणि प्रभु पार्श्वजी!, दादा वात सुणो एक मोरी रे; मारा मनना…

श्री चिंतामणि पार्श्वजी रे..

(राग : पहेले भवे एक गामनो रे...) श्री चिंतामणि पार्श्वजी रे, द्यो दरिसण महाराज; सुरतरुनी परे शोभता रे रे अापो…

शेरी मांहे रमता दीठा…

(राग : तेरा मेरा प्यार अमर.../तारी प्रीतनी केवी असर...) शेरी मांहे रमता दीठा, पार्र्श्वकुंवर नानडिया रे; रूमझुम रूमझुम घुघरा धमके,…

शरण तुमारे अायो जिणंदराय…

(राग : जिन! तेरे चरण की.../मुज अवगुण मत देखो.../अब मोहे...) शरण तुमारे अायो जिणंदराय! शरण तुमारे अायो; पकडी जकडी मोह…

शंखेश्वर पार्श्वजिन तारी…

(राग : सिद्धाचलना वासी.../ए मेरे वतन के लोगो.../अाणीशुद्धमन अासथा...) शंखेश्वर पार्श्वजिन तारी, मूर्ति कामणगारी....! मने लागे छे प्यारी, केवी ए…

विमलवर सकलगुण-रयणायरू…

(राग : सांभलो कलश जिन.../तार मुज तार मुज...) विमलवर सकलगुण-रयणायरू, पास सुखसागरू दरिस पायो; सहज अानंद सुखकंद अति उल्लस्यो, एेन…

वामानंदन श्री प्रभु पास…

(राग : स्वामी! तुमे कांई कामण.../रघुपति राघव.../यह है पावन भूमि...) वामानंदन श्री प्रभु पास, मारी सांभलो तुमे अरदास, अमे सेवक…

वामानंदन जगदानंदन…

(राग : मेरो प्रभु पारसनाथ अाधार.../वैष्णवजन तो तेने.../मैली चादर अोढके...) वामानंदन जगदानंदन, सेवक जन अाशा विसराम; नेक नजर करी मोही…

वामनंदन वंदना प्रभु!…

(राग : गिरुअा रे.../ए मेरे प्यारे वतन.../दिल दिया है जान भी देंगे...) वामनंदन वंदना, प्रभु! चरणोमां अवधारो रे; करुणा करी…