Post by: arihant in Shri Parshwanath Stavan
तुं प्रभु मारो हुं प्रभु तारो, क्षण अेक मुजने नाहि विसारो; महेर करी मुज विनंती स्वीकारो, स्वामी सेवक जाणी नीहाळो।…
Post by: arihant in Shri Parshwanath Stavan
(राग : तारी मुद्राए मने मोह्युं रे...) तारी मूरतिनुं नहि मूल रे, लागे मने प्यारी रे...! तारी अांखडीए मन मोह्युं…
Post by: arihant in Shri Parshwanath Stavan
(राग : हेले चढ्यां रे हैया.../झगमगता तारलानुं...) तारा नयनां रे प्याला प्रेमनां भर्या छे, दया रसनां भर्या छे, अमी छांटनां…
Post by: arihant in Shri Parshwanath Stavan
(राग : ऋषभ जिनराज मुज.../जय गणेश जय गणेश देवा...) तार मुज तार मुज, तार त्रिभुवन धणी, पार उतार संसार स्वामी;…
Post by: arihant in Shri Parshwanath Stavan
(राग : रघुपति राघव.../श्री चिंतामणी प्रभु पार्र्श्वजी.../अब सौंप दिया...) जिनराज नमो जिनराज नमो, अहोनिश प्रभु भावे चित्त रमो; दु:ख दोहग…
Post by: arihant in Shri Parshwanath Stavan
(राग : पासजी वामाजीना नंद के सुणज्यो विनति रे लो...) जिनजी त्रेवीशमो जिन पास के, अाश मुज पूरवे रे लो,…
Post by: arihant in Shri Parshwanath Stavan
(राग : मालकौंसादि.../जय जय अारति.../दीवो रे दीवो प्रभु...) जय! जय! जय! जय! पास जिणंदा...! अंतरीक्षप्रभु! त्रिभुवनतारण, भविक कमल-उल्लास दिणंदा... जय0।।1।।…
Post by: arihant in Shri Parshwanath Stavan
(राग : पहेले भवे एक गामनो रे.../दु:ख दोहग.../वीर मने तारो...) जय जय श्रीगुण-गणनिधान रे, श्री जगवल्लभ पास; मृगमद परे महके…
Post by: arihant in Shri Parshwanath Stavan
(राग : पंचम सुरलोकना वासी रे.../भवि तुमे अष्टमी तिथि...) चित्त समरी शारद माय रे, वली प्रणमुं निज गुरुपाय रे; गाउं…
Post by: arihant in Shri Parshwanath Stavan
(राग : तुं प्रभु माहरो.../यशोमति मैया से पूछे.../टीलडी रे.../जय-4 पार्र्श्वजिणंदा...) कोयल टहुंक रही मधुवन में, पार्श्वशामलीया वसो मेरे मन मेंे;…