Post by: arihant in Shri Parshwanath Bhaktigeet
हे शंखेश्वर स्वामी, प्रभु जग अन्तरयामी, तमने वंदन करीए (2) शिव सुखना स्वामी हे शंखेश्वर0 1 मारो निश्चय एक ज…
Post by: arihant in Shri Parshwanath Stotra
गडबड तज गाेडी गुणी, आणी अति उच्छरंग | ध्याता ध्येये ध्यानसु, अधिके ऋद्ध्री उच्छरंग ||१|| ताे अतिउच्छरंग निर्मल गंग कीर्ति…
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अलख अनाेपम अेह सिद्ध निरंजन शंकराे, अगम अशाेग सुगति सुमति सगतिसराे | तरण तारण तरणड तमताेडण दिनसराे, सरण करण सधीर…
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ऐंकारस्मृतिसावधानमनसा स्तोतुं प्रवर्ते महा-, मोहापोहपरायणं जनमनोऽभीष्टार्थसार्थप्रदम्। श्रीशङखेश्वरभूषण भगवतामग्रेसरं वासव- श्रेणीवेणिमिलत्प्रसूनपटलीमाध्वीकधौतक्रमम् ॥1॥ मूर्तिस्ते जिनराज ! राजति जगद्दारिद्य्रविद्राविणी, स्वर्योषिन्नयनोन्मदालिपटलीपेपीयमानप्रभा। शारीरान्तरदुःखतापजनितं खेदं नयन्ती…
Post by: arihant in Shri Parshwanath Kalash
एम कृपा मूरत पार्श्वस्वामी, मुगतिगामी ध्याईए; अति भक्ति भावे विपत्ति जावे, परम संपत्ति पाईए। प्रभु महिमा सागर गुण वैरागर, पार्र्श्व…
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शुभ देश काशी माहे दीपे नयरी वाणारसी वरी, प्रभु जन्म लीनाे तीर्थ कीनाे शुध्ध समक्ति अादरी & भल दशमी दिवसे…
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ज्य चिंतामणि पार्श्वनाथ, ज्य त्रिभुवन जायाे; क्षत्रीयकुंडमां अवतर्याे, सुर नरपति गायाे......१ मृगपती लंछन पाउले, सात हाथनी काया; बहाेतेर वरसनुं आउखुं,…
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पार्श्वनाथ परमातमा, त्रेवीसमां जिनचंद, अागम निगम ज्ञाता प्रभु, टालक भव ना फंद 1 अहिलंछन नवकार तनु, नीलवरण मनाेहार, अश्वसेन कुलचंदलाे,…
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पांचे ईन्द्रिय तणा, तेवीस विषय जान दुशत बावन भेद छे, विकार तणा मति मान 1 विषय विकार निवारीने, चउ महव्वय…
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देवेन्द्रैः पूजितांघ्रि सजलघनतनुज्याेतिरूपाे जिनेन्द्रः सर्वज्ञाे वीतरागाे निजगुणरमणाे धर्ममूर्तिर्दमीशः भव्यानां कल्पवृक्षाे विविधसुखकराे विघ्नकर्मस्य हन्ता, साेऽयं शंखेश्वराे मे ददतु शिवसुखं सच्चिदानंदसार 1…