हे शंखेश्वर स्वामी…

हे शंखेश्वर स्वामी, प्रभु जग अन्तरयामी, तमने वंदन करीए (2) शिव सुखना स्वामी हे शंखेश्वर0 1 मारो निश्‍चय एक ज…

गडबड तज गाेडी गुणी, आणी अति उच्छरंग

गडबड तज गाेडी गुणी, आणी अति उच्छरंग | ध्याता ध्येये ध्यानसु, अधिके ऋद्ध्री उच्छरंग ||१|| ताे अतिउच्छरंग निर्मल गंग कीर्ति…

अलख अनाेपम अेह सिद्ध निरंजन शंकराे

अलख अनाेपम अेह सिद्ध निरंजन शंकराे, अगम अशाेग सुगति सुमति सगतिसराे | तरण तारण तरणड तमताेडण दिनसराे, सरण करण सधीर…

श्री शङ्खेश्वरपार्श्वनाथ स्तोत्रम्

ऐंकारस्मृतिसावधानमनसा स्तोतुं प्रवर्ते महा-, मोहापोहपरायणं जनमनोऽभीष्टार्थसार्थप्रदम्। श्रीशङखेश्वरभूषण भगवतामग्रेसरं वासव- श्रेणीवेणिमिलत्प्रसूनपटलीमाध्वीकधौतक्रमम् ॥1॥ मूर्तिस्ते जिनराज ! राजति जगद्दारिद्य्रविद्राविणी, स्वर्योषिन्नयनोन्मदालिपटलीपेपीयमानप्रभा। शारीरान्तरदुःखतापजनितं खेदं नयन्ती…

एम कृपा मूरत पार्श्वस्वामी

एम कृपा मूरत पार्श्वस्वामी, मुगतिगामी ध्याईए; अति भक्ति भावे विपत्ति जावे, परम संपत्ति पाईए। प्रभु महिमा सागर गुण वैरागर, पार्र्श्व…

शुभ देश काशी माहे…

शुभ देश काशी माहे दीपे नयरी वाणारसी वरी, प्रभु जन्म लीनाे तीर्थ कीनाे शुध्ध समक्ति अादरी & भल दशमी दिवसे…

पार्श्वनाथ भ. नुं चैत्यवंदन

ज्य चिंतामणि पार्श्वनाथ, ज्य त्रिभुवन जायाे; क्षत्रीयकुंडमां अवतर्याे, सुर नरपति गायाे......१ मृगपती लंछन पाउले, सात हाथनी काया; बहाेतेर वरसनुं आउखुं,…

पार्श्वनाथ परमातमा…

पार्श्वनाथ परमातमा, त्रेवीसमां जिनचंद, अागम निगम ज्ञाता प्रभु, टालक भव ना फंद 1 अहिलंछन नवकार तनु, नीलवरण मनाेहार, अश्वसेन कुलचंदलाे,…

पांचे ईन्द्रिय तणा…

पांचे ईन्द्रिय तणा, तेवीस विषय जान दुशत बावन भेद छे, विकार तणा मति मान 1 विषय विकार निवारीने, चउ महव्वय…

देवेन्द्रैः पूजितांघ्रि…

देवेन्द्रैः पूजितांघ्रि सजलघनतनुज्याेतिरूपाे जिनेन्द्रः सर्वज्ञाे वीतरागाे निजगुणरमणाे धर्ममूर्तिर्दमीशः भव्यानां कल्पवृक्षाे विविधसुखकराे विघ्नकर्मस्य हन्ता, साेऽयं शंखेश्वराे मे ददतु शिवसुखं सच्चिदानंदसार 1…