Post by: arihant in Shri Parshwanath Stuti
(राग - वीर जिनेसर अति अलवेसर) श्रीपासजिणेसर भुवन दिणेसर, शंखेश्वरपुर सोहे जी, बावना चंदन घसी घणुं भावे, पूजता मन मोहे…
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(राग - श्री शत्रुंजय तीरथसार) जगजन भजनमाहे जे भलीयो, जोगीसर ध्याने जे कलीयो, शिववधू संगे हलीयो, अखिल ब्रह्मांडे जे जलहलीयो,…
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शंखेश्वर पासजी पूजीए, नरभवनो लाहो लीजीए; मनवांछितपूरण सुरतरु, जय वामासुत! अलवेसरुं... ।।1।। दोय राता जिनवर अतिभला, दोय धोला जिनवर गुणनीला;…
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पास जिणंदा वामानंदा, जब गरभे फली, सुपना देखे अर्थ विशेषे, कहे मघवा मली; जिनवर जाया सूर हुलराया, हुवा रमणी प्रिये,…
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हाेरीया अदूभुत दिखाउ, मगसी जिन दिलमां ध्याउ || हाे || आतमरूप अनंत जिताउ अेकही अेक कहाउ | भेद अनेक रहा…
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हेलाे माराे सांभळाेने, सम्मेत शिखरना राजा अश्वसेनना लाडकवाया, वामादेवीना लाल माराे हेलाे सांभलाे हाे हाे जी रे 1 प्रभावतीना प्यारा,…
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(राग: रंगे रमे अानंदे रमे अाज देवी देवी...) हर्षे भर्या रे हैयां हर्षे भर्या, जीरावला पार्श्वनां दर्शन कर्या रे हैयां…
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(राग: गिरनारे गुण तुम तणा) सुण साहेब प्रभु पास जिनेसर नेह नजरथी निहाळ रे... तुज सानिध्यथी हेलां लहीअे, दिन दिन…
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साधु भाई आतमरूप दिखाया, ओर सगल जग माया | साधु भाई आतमरूप दिखाया || ममता मार मकर मिटाया गरब गुमान…
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श्री शंखेश्वर निजरंगी प्राण जीवन प्रभु तारे... अश्वसेन वामाजीके नंदन, चंदन सम हम सारे... अणीयाळी ताेरी अंबुज अंखीया करूणारस भरी…