Post by: arihant in Shri Parshwanath Bhaktigeet
केवा केवा दुःखडा, स्वामी में सह्यां नारकीमां, एक रे जाणे छे, मारो आत्मा परमात्मा0 हो.. जी रे एक रे जाणे…
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नाथ तारा विना मारा नयनो भीना; तारा दर्शन विना... मारुं मन लागेना. नाथ तारा. तुजने निरख्या विना, नेन अश्रु भीना,…
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(महो. यशो वि. कृत अध्यात्म पद) आज आनंद भयो, प्रभु को दर्श लह्यो, रोम रोम शीतल भयो... प्रभु चित्त आये…
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देखी श्री पार्श्वतणी मुरती अलबेलडी, उज्वल भयो अवतार रे, मोक्षगामी भवथी उगारजो ! शिवगामी भवथी उगारजो. 1 मस्तके मुकुट सोहे…
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आ पारस मारा पोताना, मारा पोताना नही बीजाना... आ पारस. 1 तमे वामादेवीना नंद भले, तमे अश्वसेन कुलचंद भले, पण...…
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झीलमीलता तारलानुं देरासर होशे, एमां मारा प्रभुजीनी आंगी रचाशे... अमे अमारा प्रभुजीनी सोनाथी सजावीशुं; सोनुं ना मले तो अमे रूपाथी…
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शंखेश्वर का नाथ है हमारा तुम्हारा...तुम्हारा...हमारा. पार्श्वप्रभु के दरिसन पाके जीवन है सुखकारा... कैसी सुंदर काया, भक्तों के मन भाये,…
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मारा प्रभुनी आँखे जोई, करुणानी धार रे, लई जाशे सहुने सिद्धिशिला मोझार रे... ज्यारे वरसी करुणा, मंदिर केरा स्थानमां; मंदिर…
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मारी आंखोमां पार्श्वनाथ आवजो रे, हुं तो पापणना पुष्पे वधावुं, मारा हैयाना हार बनी आवजो रे, हुं तो पापणना पुष्पे…
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तने रात दिवस हुं याद करुं, शंखेश्वर पारसनाथ प्रभु, तारा दर्शननी हुं आश करुं, मारा दिलनी तने शुं वात करुं..…