Post by: arihant in Shri Parshwanath Bhaktigeet
तारी ज्योति ने में जोई ज्यारे ज्यारे, मारे कोठे कोठे दीवा प्रगट्यां त्यारे, प्रभु तारा वदननी बलिहारी बलिहारी.... तारी ज्योति.…
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मने व्हालुं लागे पारस नाम, तन मन धन प्रभुना चरणोमां0 मने व्हालुं लागे... प्रभुजीना गुणोनो पार नहीं आवे, ध्यान धरुं…
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कहुं छुं शंखेश्वर पार्श्वजीनी वारता, एतो शरणे आवेलाने तारता...ए तो0 एनी मूर्ति छे मोहनगारी, भवोभवना ते दुःख हरनारी, जेना दर्शने,…
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तमे मन मूकीने वरस्यां, अमे जनम जनम ना तरस्यां, तमे मूशल धारे वरस्यां, अमे जनम जनम ना तरस्यां... हजार हाथे…
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इतनी शक्ति हमें देना दाता, मन का विश्वास कमजोर हो..ना, हम चले नेक रस्ते पे हमसे, भूलकर भी कोई भूल…
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तारे द्वारे आवीने कोई, खाली हाथे जाय ना, करुणानिधान...कृपानिधान0 आ दुनियामां कोई नथी रे, तुझ सरीखो दातार, अपरंपार दया छे…
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आँखंडी मारी प्रभु ! हरखाय छे, ज्यां तमारा मुखना दर्शन थाय छे...आंखडी मारी... पग अधीरा दोडतां देरासरे, द्वारे पहोचुं त्यां…
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दूरदूरथी तारा दरबारे आव्यो, पार्श्वनाथ दादा तारा दरबारे आव्यो, दर्शन करवाने हुं तो शंखेश्वर आव्यो, दर्शन देजो दादा रे (2)...दादा…
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मारुं आयखुं खूटे जे घडीए; त्यारे मारा हृदयमां पधारजो; छे अरजी तमोने दादा एटली; मारा मृत्युने स्वामी सुधारजो.. छे अरजी0..1…
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बधी मिल्कत तने धरुं तो पण, तारी करुणानी तोले ना आवे, ते मने प्यार जे कर्यो भगवंत, माराथी एनुं मूल…