Post by: arihant in Shri Parshwanath Stuti
सुख शान्ति कारक दुरित वारक सुगतिदायक जिनपति, भवभीड भंजक सजन रंजक कर्म वारक जगपति & शुभ मुगति संपत्ति मगसीपुरपति पार्श्वदाता…
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पारस वरकाणे, नाडाेले श्रीनेम & नाडाेलाई वन्दाे शान्तिजिनेश्वर तेम & महावीर मुछाला, बाहिर धाणेराव & वन्दाे रिषभेशर, राणकपुर शुभभाव 01…
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तीरथ प्याराे जन जन भायाे, पास शंखेश्वर साेहेजी & वामानंदन कर्म निकंदन, नरनारीना मन माेहेजी && दूर दूरथी दर्शन वंदन,…
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जय पास स्वामी मुगतिगामी, ध्रुव अारामी तूं जयाे, मिथ्यात्व वारक जगत तारक स्वयंभू शंभू तूं भयाे & अश्वसेन नन्दन जगत…
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श्री शंखेश्वर पार्श्वप्रभु समरुं, अरिहंत अनंत नुं ध्यान धरुं; जिणागम अमृत पान करुं, शासनदेवी सवि विध्न हरुं. (यह स्तुति चार…
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श्रीमत्पार्श्वदेवं वन्दे ॥1॥ श्रेयोदो मेऽर्हन्तः सन्तु ॥2॥ जैन वाणी सौख्यं दद्यात् ॥3॥ पद्मादेवी शंमे कुर्यात् ॥4॥
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भीलडीपुर मंडण, सोहिए पार्श्वजिणंद, तेहने तमे पूजो, नर नारीनां वृंद !, ते त्रुठ्यो आपे, धण-कण कंचन क्रोड, ते शिवपद पामे,…
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सकल सुरासुर सेवे पाया, नयरी वाराणसी नाम सोहाया, अश्वसेन कुल अाया, दश ने चार सुपन दिखलाया, वामादेवी माताए जाया, लंछन…
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(राय - वीर जिनेसर अति अलवेसर) १ पोषदशमीदिन पासजिनेश्वर, जनम्या वामा माय जी, जनम महोच्छव सुरपति कीधो, वलीय विशेष राय…
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(राग - वीर जिनेसर अति अलवेसर) श्रीपासजिणेसर भुवन दिणेसर, शंखेश्वरपुर सोहे जी, बावना चंदन घसी घणुं भावे, पूजता मन मोहे…