Post by: arihant in Shri Parshwanath Stavan
काशी नगरनां वासी रे त्रेवीशमां जीनरायां माता वामादेवी ना जाया रे अश्वसेन कुळ कुळरायां प्रभु! श्याम वर्ण तारी काया रे…
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प्रभु ! मेरे अैसी कर बकसीस, द्वार द्वारन पे में नहि भटकुं, नाउ कीसही न सीस..... प्रभु.१ शुद्ध आतमकला घट…
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आहाेरेनगरे आंनदसु रे, भेटया गाेडी पास सलुसा | पाप पडल सवि मेटीया रे, अनुभव प्रगटयाे उलास || स ||१ ||…
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(राग: जिन तेरे चरणकी सरन ग्रहुं) अब चलाे देखे पासकुमार, चुआ चुआ चंदन ओर अगरका, विविध जाति भरी थाळ. अब…
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(राग: मंदिर छाे मुक्ति तणां) जेना स्मरणथी जीवनना संकट बधा दूर टळे, जेना स्मरणथी मनतणा वांछित सहु आवी मळे, जेना…
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आनंद की घडी आई, सखीरी आज आनंद की घडी आई, करके कृपा प्रभु दरिशन दिनो, भवकी पीड मीटाई, मोह निद्रासे…
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अबोलडां शानां लीधां छे राज,जीव जीवन प्रभु माहरा. तमे अमारा अमे तमारा, वास निगोदमां रहेतां. अबोलडां. 1 काल अनंत स्नेही…
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सकल समता सुरलतानो, तुंहि अनुपम कंद रे, तुंही कृपारस कनक कुंभो, तुंहि जिणंद मुणींद रे. प्रभु0 1 प्रभु तुंहि तुंहि…
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(राग. साबरमती के संत तुने कर दिया कमाल... / श्याम तेरी बंसी पुकारे राधा नाम..) शंखेश्वर दरबारमां गावुं मधुरा राग,…
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जिन तेरे चरण की शरण ग्रहुं... जिन तेरे0 हृदयकमल मे ध्यान धरत हुं, शिर तुज आण वहुं. जिन0 1 तुज…