ॐ नमो पार्श्व पद पंकजे…

(राग : है ज्ञान की ये गंगा शासन की अमर कहाणी...) ॐ नमो पार्श्व पद पंकजे, विश्व चिंतामणि रत्न रे;…

हो साहिब! पास रंग लग्गा…

(राग : हो प्रभुजी! मुज अवगुण.../जिण! तेरे चरण.../अब मोहे एेसी अाय...) हो साहिब! पास रंग लग्गा, रंग लग्गा, चोलरंग लग्गा,…

हे प्रभु! पार्र्श्व चिन्तामणि मेरो…

(राग : जिन! तेरे चरण की शरण ग्रहुँ...) हे प्रभु! पार्र्श्व चिन्तामणि मेरो.. मेरो प्रभु..! पार्र्श्वचिन्तामणि मेरो..! मिल गयो हीरो…

हे अविनाशी! नाथ निरंजन…

(राग : सुणो चंदाजी! सीमंधर.../यह है पावनभूमि...) हे अविनाशी! नाथ निरंजन... साहिब मारो...साहिबो साचो...! हे शिववासी! तत्त्व प्रकाशी, साहिब मारो...साहिबो…

सूरज मंडण पाश्वजिणंदा…

(राग : तुं प्रभु मारो.../वैष्णवजन तो तेने.../संभवजिनवर विनंति...) सूरज मंडण पाश्वजिणंदा, अरज सुणो टालो दु:ख दंदा; तुं साहिब! हुं छुं…

सुणो पार्श्व जिनेश्वर स्वामी…

(राग : ए मेरे वतन के लोगो.../तुम्हें सूरज कहुँ या चंदा...) सुणो पार्श्वजिनेश्वर स्वामी!, अलवेसर अंतरयामी, हुं तो अरज करुं…

सुखदाई रे सुखदाई…

(राग : मालकौंस-मारा नाथनी बधाई.../मैया! मोरी मैं नहीं.../वैष्णव जन तो...) सुखदाई रे सुखदाई, दादो पासजी सुखदाई, एेसो साहिब नहि कोउ…

सार कर सार कर स्वामी शंखेश्वरा…

(राग : सांभलो कलश जिन.../जय गणेश जय गणेश देवा...) सार कर सार कर स्वामी शंखेश्वरा, विश्व विख्यात एकांत अावो; जगतना…

समय समय सो वार संभारुं…

(राग : अाज मारा प्रभुजी!.../वीरजिणंद जगत.../मेरा नैना.../फूल तुम्हें भेजा...) समय समय सो वार संभारुं, तुजशुं लगनी जोर रे; मोहन मुजरो…

सदा अाणंद नयन मेरे…

(राग : मेरा जीवन कोरा कागज.../सोना केंरा कांगरा ने...) सदा अाणंद नयन मेरे, भेटिया भगवान रे; पासथंभण भुवनमंडण, तीर्थतिलक समान…