Post by: arihant in Shri Parshwanath Stavan
(राग : देखी श्री पार्र्श्वतणी मूर्ति अलबेलडी...) करतां नित्य भोलामणी, प्रभु! इम के ता दिन जाशे हो, भीना जे अोलग…
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(राग : मारी नावलडी मझदार.../सुणजो साजन संत...) एहिज उत्तम काम, बीजुं मने कांई न गमे; सुकृत कमाई फल पत पाई,…
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(राग : हे त्रिशलाना जाया...) अोलगडी अवधारो... अाश धरी हुं अाव्यो...! श्री शंखेश्वर अलवेसर तारी, अाश धरी हुं अाव्यो... सेवक…
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(राग : तुज शाशनरस अमृत मीठुं.../एक पंखी अावीने...) अाज मनोरथ माहरो फलियो, पास जिनेसर मलियो रे; दुरगतिनो भय दूरे टलियो,…
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(राग : एेसी करो बक्षीस.../शिवरंजनी.../अब मोहे.../मेरे नैना सावण...) अाई बसो भगवान! मेरे मन... अाई बसो भगवान...! मैं निर्गुणी इतना मागत…
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(राग : श्री ऋषभजुं जन्म कल्याण रे.../पंचम सुरलोकना वासी रे...) अहो! अहो! पासजी! मुज मलिया रे, मारा मनना मनोरथ फलिया...!…
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(राग : मालकौंस.../जिन! तेरे चरण की.../मैया मोरी में नहीं माखण...) अब मोहे एेसी अाय बनी, अब मोहे एेसी अाय बनी..!…
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(राग : मैं नहीं माखण.../अब मोहे एेसी अाय.../कोयल टहुंक रही...) अजब बनी है सूरत जिन की, खूब बनी रे मूरत…
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(राग : राम राखे तिम रहीए अोधवजी.../मैत्रीभावनुं पवित्र.../कोयल टहुंक...) अखियाँ हरखण लागी, हमारी अखीयाँ हरखण लागी...! दरिशन देखत पार्श्वजिणंद को,…
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(राग : तुम दरीशन भले पायो.../मैं तुलसी तेरे अांगन की...) अखियाँ दरिशन की है प्यासी, अखियाँ0 प्यास बुझावो... प्यास बुझावो...…