Post by: arihant in Shri Parshwanath Chaityavandan
शुभ देश काशी माहे दीपे नयरी वाणारसी वरी, प्रभु जन्म लीनाे तीर्थ कीनाे शुध्ध समक्ति अादरी & भल दशमी दिवसे…
Post by: arihant in Shri Parshwanath Chaityavandan
ज्य चिंतामणि पार्श्वनाथ, ज्य त्रिभुवन जायाे; क्षत्रीयकुंडमां अवतर्याे, सुर नरपति गायाे......१ मृगपती लंछन पाउले, सात हाथनी काया; बहाेतेर वरसनुं आउखुं,…
Post by: arihant in Shri Parshwanath Chaityavandan
पार्श्वनाथ परमातमा, त्रेवीसमां जिनचंद, अागम निगम ज्ञाता प्रभु, टालक भव ना फंद 1 अहिलंछन नवकार तनु, नीलवरण मनाेहार, अश्वसेन कुलचंदलाे,…
Post by: arihant in Shri Parshwanath Chaityavandan
पांचे ईन्द्रिय तणा, तेवीस विषय जान दुशत बावन भेद छे, विकार तणा मति मान 1 विषय विकार निवारीने, चउ महव्वय…
Post by: arihant in Shri Parshwanath Chaityavandan
देवेन्द्रैः पूजितांघ्रि सजलघनतनुज्याेतिरूपाे जिनेन्द्रः सर्वज्ञाे वीतरागाे निजगुणरमणाे धर्ममूर्तिर्दमीशः भव्यानां कल्पवृक्षाे विविधसुखकराे विघ्नकर्मस्य हन्ता, साेऽयं शंखेश्वराे मे ददतु शिवसुखं सच्चिदानंदसार 1…
Post by: arihant in Shri Parshwanath Chaityavandan
तीर्थनाथ त्रेवीसमां, परगट पारसनाथ पाेषवदी दशमी जनम, दिक्ख तीनसाे साथ 1 अश्वसेन राजा घरे, वामादेवी माय तुला राशी नव कर…
Post by: arihant in Shri Parshwanath Chaityavandan
गोडीग्रामे स्थंभने चारुतीर्थे, जीरापल्यां पत्तने लोद्रवाख्ये, वाणारस्यां चापि विख्यातकीर्तिं, श्री पार्श्वेशं नौमि शंखेश्वरस्थम् ॥1॥ इष्टार्थानां स्पर्शने पारिजातं, वामादेव्या नन्दनं देववन्द्यम्,…
Post by: arihant in Shri Parshwanath Chaityavandan
सकल भविजन चमत्कारी, भारी महिमा जेहनो, निखिल आतम रमा राजीत, नाम जपीये तेहनो; दुष्ट कर्माष्ट गंजरी जे, भविक जन मन…
Post by: arihant in Shri Parshwanath Chaityavandan
ॐ नमः पार्श्वनाथाय, विश्वचिंतामणीयते; ह्रीँ धरणेन्द्र-वैरूट्या-पद्मादेवी-युताय ते... ।।1।। शांति-तुष्टि-महापुष्टि-धृति-कीर्ति-विधायिने; ॐ ह्रीँ द्विड्-व्याल-वैताल-सर्वाधि-व्याधि-नाशिने... ।।2।। जया-जिताख्या-विजयाख्याऽपराजितयान्वितः; दिशां पालै-र्ग्रहै-र्यक्षै-र्विद्यादेवीभिरन्वितः... ।।3।। ॐ असिअाउसाय नमस्तत्र…
Post by: arihant in Shri Parshwanath Chaityavandan
सेवो पार्श्व शंखेश्वरो मन शुद्धे, नमो नाथ निश्चे करी एक बुद्धे; देवी देवला अन्यने शुं नमो छो; अहो! भव्यलोको भूला…