Post by: arihant in Shri Parshwanath Chaityavandan
सकल भविजन चमत्कारी, भारी महीमा जेहनो, निखिल अातमरमा राजित, नाम जपीये तेहनो; दुष्ट कर्माष्टक गंजरी जे, भविक जन मन सुखकरो,…
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जय जय शिखर गिरीश इश, वीश जिनेश्वर नामी; अणसण करी इंहा कने, पंचमी गति पामी....(१) बीजा पण बहु मुनिवरा, शिवगतिना…
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प्रभु पासजी ताहरुं नाम मीठुं, तिहुं लोकमां एटलुं सार दीठुं; सदा समरतां सेवतां पाप नीठुं, मन माहरे ताहरुं ध्यान बेठुं...…
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जय चिंतामणि पार्श्वनाथ!, जय त्रिभुवन स्वामी; अष्टकर्मरिपु जितीने, पंचमी गति पामी... ।।1।। प्रभु नामे अानंद कंद, सुख संपत्ति लहीए; प्रभु…
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कर्म पास विदारवा, पास भजो धरी अाश; चरण कमल तस सेवता, मेलवशो शिव वास. 1 अहि लंछन प्रभु शोभता, अश्वसेन…
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अाश पूरे प्रभु पासजी, त्रोडे भवपास; वामा माता जनमिया, अहि लंछन जास... ।।1।। अश्वसेन सुत सुखकरुं, नव हाथनी काय; काशी…