लगनी लागी पारसनाथ…

(राग: तेरी शहनाई बाेले...) लगनी लागी पारसनाथ, अमने करजाे सनाथ चिंतामणी अाे पारसनाथ... मारा पूरा करजाे काेड, मारी साथे पारस…

मौरी बैयां पकर

माेरी बैयां ताे पकर शंखेश श्याम, करुणारसभरे ताेरे नैन श्याम... माेरी. ...१ तुम ताे तार फणिंद जग साथे, हमकुं विसर…

मने अापजाे बळ अेवुं नाथ…

(राग: अखंड सौभाग्यवती...) मन अापजाे बळ अेवुं नाथ, भव भव तारी सेवा करुं तुं छे देव जगतमां अेक खराे, मारा…

मनमाेहन प्रभु पासजी…

मनमाेहन प्रभु पासजी, सुणाे जगत अाधार जी; शरणे अाव्याे रे प्रभु ताहरे मुज दुरित निवार जी. मन01 विषय-कषायना पासमां, भम्याे…

प्रभु वामानंदकुमार

प्रभु वामानंदकुमार नयने दीठा रे, आ अमृतथी महाराज अतीशे मीठा रे; पूरण पुण्य पसाय प्रभुजी भेट्‌या रे, आ मिथ्या मतना…

प्रगटप्रभावी पुरुषादानीय श्री पार्श्वनाथ जिनस्तुति अष्टक

(राग: मंदिर छाे मुक्तितणी...हरिगीत छंद) सम्मेतशिखरे स्तम्भतीर्थे शिरपुरे भिलडीपुरे नागेश्वरे कलिकुंडमां वीजापुरे पाटणपुरे शंखेश्वरे जे शाेभतां आवी वस्या मारा उरे…

पार्श्व श्री शंखेश्वरा…

(राग: चांदी की दीवार न ताेडी...) पार्श्व श्री शंखेश्वरा अाे & तारे द्वारे अाव्याे छुं. भाव भरेला हृदये स्वामिन् &…

पार्श्व प्रभु परमेश्वरा रे

(राग: पहेले भवे अेक) पार्श्वप्रभु परमेश्वरा रे, आपजाे जगत दयाळ, संभारूं नित्य साहिबा रे, श्वास मांहि साे वार रे व्हाला.…

पारस करता पारस न्यारा…

(राग: प्रभु मागुं तारी पास...) पारस करता पारस न्यारा, पारस लाेह स्वर्णकारा तूं ताे लाेहनाे पारस कार छे तारी महिमा…

पारस अंतरयामी

(राग: चरण की शरण ग्रहुं) पारस अंतर्यामी मेराे प्रभु, पारस अंतर्यामी... और सुरासुर देखी न रीझुं, प्रभु सेवा में पामी...मेराे…