अंतरजामी सुण अलवेसर…

(राग : मैत्रीभावनुं पवित्र झरणुं.../तुं प्रभु मारो हुं प्रभु तारो...) अंतरजामी सुण अलवेसर, महिमा त्रिजग तुमारो; सांभलीने अाव्यो हुं तीरे,…

भेटीए भेटीए भेटीए रे…

(राग : कोण भरे कोण भरे कोण रे.../मानमां मानमां मानमां रे...) भेटीए भेटीए भेटीए रे, मनमोहन जिनवर भेटीए...! मेटीए मेटीए मेटीए…

Highlights of Pratishtha

Jai Jirawala

Fresh & New Look of Shri Jirawala Parshwanath Jain Tirth

Jai Jirawala
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परिचय

अनन्तज्ञानी शास्त्रकार भगवन्तों ने बतलाया है कि, तीर्थंकर की आत्माएँ भी अनादिकाल से अव्यवहारराशि वनस्पति (निगोद) में रहने के बाद…

Let us celebrate

Let us celebrate the once in a lifetime event of Shri Jirawala Parshwanath. Come one, come all.
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पार्श्वप्रभु का प्रथम भव मरुभूति और कमठ

भरतक्षेत्र में पोतनपुर नामक नगर था। वहाँ राजा अरविन्द राज्य करता था। विश्वभूति नामका उसका पुरोहित था, तथा पुरोहित की…

Shri Jirawala Parshwanath Jain Tirth Invitation Film

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दूसरा भव हाथी और कुर्कट सर्प

मरुभूति मृत्यु प्राप्त कर जंगल में हाथी बना। कमठ का यह अत्याचार देखकर सभी तापस उसकी निन्दा करने लगे। अतः…

Highlights of Mumbai Event

Bringing you the highlights of Mumbai Event