Post by: arihant in Shri Parshwanath Stavan
(राग : मैत्रीभावनुं पवित्र झरणुं.../तुं प्रभु मारो हुं प्रभु तारो...) अंतरजामी सुण अलवेसर, महिमा त्रिजग तुमारो; सांभलीने अाव्यो हुं तीरे,…
Post by: arihant in Shri Parshwanath Stavan
(राग : कोण भरे कोण भरे कोण रे.../मानमां मानमां मानमां रे...) भेटीए भेटीए भेटीए रे, मनमोहन जिनवर भेटीए...! मेटीए मेटीए मेटीए…
Jai Jirawala

Let us celebrate the once in a lifetime event of Shri Jirawala Parshwanath. Come one, come all.

भरतक्षेत्र में पोतनपुर नामक नगर था। वहाँ राजा अरविन्द राज्य करता था। विश्वभूति नामका उसका पुरोहित था, तथा पुरोहित की…

मरुभूति मृत्यु प्राप्त कर जंगल में हाथी बना। कमठ का यह अत्याचार देखकर सभी तापस उसकी निन्दा करने लगे। अतः…
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