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Timeline

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तीसरा भव देव और नारक

मरुभूति का जीव हाथी मरकर आठवें देवलोक में देव हुआ और कमठ का जीव मरकर पाँचवीं नरक में गया। एक…

Views on Shri Jirawala Parshwanath Jain Tirth

Dignitaries sharing their views on the upcoming & most awaited event of Shri Jirawala Parshwanath
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चौथा भव किरणवेग और कालदारुण सर्प

देवलोक का आयुष्य पूर्ण होने पर मरुभूति का जीव महाविदेह क्षेत्र के सुकच्छ विजय में स्थित वैताढ्य पर्वत की तिलकपुरी…
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पाँचवां भव देव और नारक

मरुभूति का जीव किरणवेग मुनि शुभध्यान में मृत्यु प्राप्त कर बारहवें देवलोक में देव बना और सर्प मरकर नरक में…
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छट्ठा भव वज्रनाभ राजा और कुरंगक भील

बारहवें देवलोक का आयुष्य पूर्ण होने के बाद मरुभूति का जीव पश्चिम महाविदेह की सुगंधि विजय में स्थित शुभंकरा नगरी…
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सातवाँ भव ग्रैवेयक देव और सातवीं पृथ्वी में नारक

मरुभूति का जीव वज्रनाभ राजर्षि कालधर्म प्राप्त कर मध्य ग्रैवेयक देवलोक में देव हुए और भील मरकर सातवीं नरक में…
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आठवाँ भव सुवर्णबाहु चक्रवर्ती और सिंह

ग्रैवेयक देवलोक में आयुष्य पूर्ण होने पर मरुभूति का जीव पूर्व महाविदेह में सुरपुर गाँव में वज्रबाहु राजा की पत्नी…
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सुवर्णबाहु की दीक्षा

एकबार सुरपुर नगर के बाहर जगन्नाथ तीर्थंकर परमात्मा पधारे थे। वहाँ सुवर्णबाहु समवसरण में देशना सुनने गए। परमात्मा की वाणी…
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नौवा भव दसवें प्राणत में देव और चौथे पृथ्वी में नारक

मरुभूति का जीव सुवर्णबाहु कालधर्म प्राप्त कर दसवें देवलोक में बीस सागरोपम आयुष्य वाले देव हुए। मरुभूति के जीवने मनुष्यभव…