भरतक्षेत्र में पोतनपुर नामक नगर था। वहाँ राजा अरविन्द राज्य करता था। विश्वभूति नामका उसका पुरोहित था, तथा पुरोहित की…
मरुभूति मृत्यु प्राप्त कर जंगल में हाथी बना। कमठ का यह अत्याचार देखकर सभी तापस उसकी निन्दा करने लगे। अतः…
मरुभूति का जीव हाथी मरकर आठवें देवलोक में देव हुआ और कमठ का जीव मरकर पाँचवीं नरक में गया। एक…
देवलोक का आयुष्य पूर्ण होने पर मरुभूति का जीव महाविदेह क्षेत्र के सुकच्छ विजय में स्थित वैताढ्य पर्वत की तिलकपुरी…
मरुभूति का जीव किरणवेग मुनि शुभध्यान में मृत्यु प्राप्त कर बारहवें देवलोक में देव बना और सर्प मरकर नरक में…
बारहवें देवलोक का आयुष्य पूर्ण होने के बाद मरुभूति का जीव पश्चिम महाविदेह की सुगंधि विजय में स्थित शुभंकरा नगरी…
मरुभूति का जीव वज्रनाभ राजर्षि कालधर्म प्राप्त कर मध्य ग्रैवेयक देवलोक में देव हुए और भील मरकर सातवीं नरक में…
ग्रैवेयक देवलोक में आयुष्य पूर्ण होने पर मरुभूति का जीव पूर्व महाविदेह में सुरपुर गाँव में वज्रबाहु राजा की पत्नी…
एकबार सुरपुर नगर के बाहर जगन्नाथ तीर्थंकर परमात्मा पधारे थे। वहाँ सुवर्णबाहु समवसरण में देशना सुनने गए। परमात्मा की वाणी…