श्री पोषदसमीनी स्तुति
Post by: arihant in Shri Parshwanath Stuti
(राय – वीर जिनेसर अति अलवेसर)
१ पोषदशमीदिन पासजिनेश्वर, जनम्या वामा माय जी,
जनम महोच्छव सुरपति कीधो, वलीय विशेष राय जी;
छप्पन दिग्कुमरी हुलराव्यो, सुर नर किन्नर गायो जी;
अश्वसेन कुल कमलवतसे, भानुउदय सम आयो जी. १
पोषदसमीदिन आंबिल करीऐ, जेम भवसागर तरीये जी,
पासजिणंदनु ध्यान धरतां, सुकृत भंडार भरीये जी;
ऋषभादिक जिनवर चोवीशे, ते सेवो भले भावे जी;
शिवरमणी वरी शिव घर बेठा, परमपद सोहावे जी. २
केवल पामी त्रिगडे बेठा, पासजिनेश्वर सार जी,
मधूर गिराके देशना सेवे, भविजन मन सुखकार जी;
दान शीयल तप भावे आदरशे, ते तरशे संसार जी,
आभव परभव जिनवर जपतां, धर्म होशे आधार जी. ३
सकल दिवसमां अधिको जाणी, दसमीदिन आराधो जी,
त्रेवीशमी जिन मनमां ध्यार्ता, आतम साधन साधो जी;
धरणेन्द्र पद्मावती देवी, सेवा करे प्रभु आगे जी,
हर्षविजय गुरु चरणकमलनी, सेवा राज मुनि मागे जी. ४
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