परिचय
विश्वशांति मूलाधारम् श्री जीरावला पार्श्वनाथ जैन तीर्थ
अात्मरुपांतरण का बहुअायामी विराट ऊर्जा क्षेत्र
पुनरपि जननं पुनरपि मरणं पुनरपि जननी जठरे शयनं… श्रद्धाभ्रष्ट, धर्मभ्रष्ट, निष्ठाभ्रष्ट, वर्तमान मानव मस्तिष्क के लिए अावश्यक है जिनबिंबों की भव्यता, प्रभावकता एवं परमतारकता का परिचय। यह परिचय होते ही उसके अंतर से परम श्रद्धा के स्रोत उमडेंगे… अाइये एेसे ही एक परम पावन श्री जीरावला पार्श्वनाथ तीर्थ का परिचय सौभाग्यपूर्वक प्राप्त करें…
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