महातीर्थ श्री जीरावला
विश्व के विभिन्न देशों में व स्थानों में राजा कहने योग्य यदि कोई स्थान है, तो वह है… राजस्थान… स्थान असंख्य हैं… देश अगणित हैं, परंतु उनमें राजमुकुट पहनने योग्य यदि कोई है, तो वह है राजस्थान… राजस्थान की भूमि हजारों गगनचुंबी तीर्थों के गगनचुंबी शिखरों से सुशोभित है… अलंकृत है… उनमें एक है श्री जीरावला तीर्थ…
अरावली-गिरिमालाअों की गोद में स्थित मंदिरों में श्री जीरावला तीर्थ का स्थान सर्वोपरि है… उसकी महिमा अनोखी अौर अपरंपार है…
विर्श्व के समस्त जिन मंदिरों की प्राण प्रतिष्ठा को निर्विघ्न एवं प्रभावक बनाने वाले, भारत वर्ष के सकल श्री जैन संघों की अाध्यात्मिक अास्था स्वरुप एवं जग जयवंत श्री जीरावला पार्श्वनाथ प्रभु के अस्तित्व से विभूषित श्री जीरावला पार्श्वनाथ जैन तीर्थ के तीर्थोद्धार एवं भव्य प्रतिष्ठा-अंजनशलाका महोत्सव की शुभ भावना को साकार करने का शुभारंभ भारत के समस्त श्री जैन संघों, पू. अाचार्य भगवंतों, मुनि भगवंतों, साध्वी भगवंतों, श्रेष्ठीयों एवं साहित्यकारों अादि को सुअवसर प्राप्त हो रहा है।
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