अवतार मानवीनो
Post by: arihant in Shri Parshwanath Bhaktigeet
अवतार मानवीनो, फरीने नहीं मले, अवसर तरी जवानो फरीने नहीं मले0 …1
सुरलोक मांये ना मले, भगवान कोईने, अहीं आ मल्या प्रभुते फरीने नहीं मले0 …2
लई जाय प्रेमथी ने, कल्याण मारगे, संगाथ आ गुरुनो फरीने नहीं मले0 …3
जे धरम आचरीने, करोडो तरी गया, आवो धरम अमूलो फरीने नहीं मले0 …4
करशुं धरम निराते, कहे तुं गुमानमां, जे जाय छे घडी ते फरीने नहीं मले0 …5
Tags: Jain Bhaktigeet
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