मारा व्हाला प्रभु…
Post by: arihant in Shri Parshwanath Bhaktigeet
मारा व्हाला प्रभु, क्यारे मलशो तमे, मारा आशापुरी, क्यारे करशो तमे मारा.
करुणासागर बिरुद छे तमारुं प्रभु, करुणा करशो ए आश धरुं हुं प्रभु,
रात दिवस हुं समरुं छुं प्रभु तुजने मारी. 1
मारी कबुलात छे के पतित हतो हुं, पण पतितों ने तारनारो एक ज छे तुं,
पतित पावन बनी क्यारे आवशो तमे. मारी. 2
तुजने निरखी शकुं एवी दृष्टि तुं दे, तुजने ओलखी शकुं एवी शक्ति तुं दे,
तारी छायानी मायामां रहेवुं गमे मारी. 3
Tags: Jain Bhaktigeet
Leave a comment