पांचे ईन्द्रिय तणा…
Post by: arihant in Shri Parshwanath Chaityavandan
पांचे ईन्द्रिय तणा, तेवीस विषय जान
दुशत बावन भेद छे, विकार तणा मति मान 1
विषय विकार निवारीने, चउ महव्वय धराय
घाति खपे नाण पामतां, अप्रतिपाति कहाय 2
सूरि राजेन्द्र जे थया, पारस पारसनाथ
जयानंद पारस थवा, कीनाे पारस साथ 3
Tags: Jain Chaityavandan
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