शुभ देश काशी माहे…

शुभ देश काशी माहे दीपे नयरी वाणारसी वरी,
प्रभु जन्म लीनाे तीर्थ कीनाे शुध्ध समक्ति अादरी &
भल दशमी दिवसे पाेष मासे कृष्ण पक्षे चंदन,
शठ कमठ खंडन सजन मंडन पार्श्वजिनपति वन्दनम् 1

नरनाथ अश्वसेन तात सुंदर मात वामा जाणिअे,
तनु नीलदीप्ति प्रबल कान्ति कीर्ति तिहुजग ठानिये &
नित नाम जपता दुःख दाेहग दूर नाशे अरिघनम्,
शठ कमठ खंडन सजन मंडन पार्श्वजिनपति वन्दनम् 2

ध्रम धार जालंधरे नगरे बाह्य चैत्य मनाेरमे,
सहु संघ यात्रा करि हर्षे कुमति कति रहे काेर में &
सहु निमित्त मेटे “सूरि राजेन्द्र” कर्म कष्ट कुदंडनम्,
शठ कमठ खंडन सजन मंडन पार्श्वजिनपति वन्दनम् 3

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