अब चलाे देखाे पार्श्वकुमार

(राग: जिन तेरे चरणकी सरन ग्रहुं)

अब चलाे देखे पासकुमार,
चुआ चुआ चंदन ओर अगरका,
विविध जाति भरी थाळ. अब चलाे.. …१
चुन चुन कलीयां पंच वरनकी,
नीकी बनी फुलमाळ. अब चलाे.. …२
ले कीरताल बजावे वीणा,
गुण गावे सुरबाल. अब चलाे.. …३
रूप विबुधनाे माेहन पभणे
पारस दीनदयाल. अब चलाे.. …४

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