अचिन्त्य चिंतामणी प्रगट प्रभावी श्री शंखेश्वर पार्श्वनाथ प्रभुनी सामे उभा रहीने प्रतिदिन बाेलवा याेग्य प्रार्थनाष्टक
(राग: मंदिर छाे मुक्ति तणां)
जेना स्मरणथी जीवनना संकट बधा दूर टळे,
जेना स्मरणथी मनतणा वांछित सहु आवी मळे,
जेना स्मरणथी आधि ने व्याधि उपाधि ना टके,
अेवा श्री शंखेश्वर प्रभुना चरणमां प्रेमे नमु……… १
विघ्नाे तणां वादळ भले चाेमेर घेराइ जतां,
आपत्तिनां कंटक भले चाेमेर वेराइ जतां,
विश्वास छे जस नामथी अे दूर फेंकाइ जतां,
अेवा श्री शंखेश्वर प्रभुना चरणमां प्रेमे नमु……… २
त्रण काळमां त्रण भुवनमां विख्यात महिमा जेहनाे
अद्भूत छे देदार जेहना दर्शनीय आ देहनाे,
लाखाे कराेडाे सूर्य पण जस आगळे झांखा पडे,
अेवा श्री शंखेश्वर प्रभुना चरणमां प्रेमे नमु……… ३
धरणेन्द्र ने पद्मावती, जेनी सदा सेवा करे,
भक्ताे तणा वांछित सघळा भक्तिथी पूरा करे;
ईन्द्राे नरेन्द्राे ने मुनिन्द्राे जाप करता जेहनाे,
अेवा श्री शंखेश्वर प्रभुना चरणमां प्रेमे नमु……… ४
जेना प्रभावे जगतना जीवाे, बधा सुख पामता
जेना न्हवणथी जादवाेना, राेग दूरे भागता;
जेना चरणना स्पर्शने, निशदिन भक्ताे झंखता,
अेवा श्री शंखेश्वर प्रभुना चरणमां प्रेमे नमु……… ५
बे काने कुंडळ जेहना, माथे मुगट विराजताे,
आंखाे महीं करूणा अने निज हैये हार विराजताे;
दर्शन प्रभुनुं पामी मननाे माेरलाे मुज नाचताे,
अेवा श्री शंखेश्वर प्रभुना चरणमां प्रेमे नमु……… ६
ॐ ह्रीँ पदाेने जाेडीने शंखेश्वराने जे जपे,
धरणेन्द्र पद्मावती सहित शंखेश्वराने जे जपे;
जनमाे जन्मना पापने सहु अंतरायाे तस तूटे,
अेवा श्री शंखेश्वर प्रभुना चरणमां प्रेमे नमु……… ७
कलिकालमां हाजराहजुर देवाे तणाये देव जे,
भक्ताे तणी भवभावठाेने भांगनारा देव जे;
‘मुक्ति किरण’नी ज्याेतने प्रगटावनारा देव जे,
अेवा श्री शंखेश्वर प्रभुना चरणमां प्रेमे नमु……… ८
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