जय पासदेवा करुं सेवा कुल अश्वसेन भूषण
Post by: arihant in Shri Parshwanath Stavan
जय पासदेवा करुं सेवा कुल अश्वसेन भूषण |
नगर वाराणसी शुद्ध स्थानक विमल विगलित दूषणम |
पयकमल फणीधर भविक सुखकर नील तनुं जग वंदन,
प्रभु पाप चूरण आस पूरण देव वामानंदनम ||१||
संसारतारण सुकखकारण कर्म अरिदल गंजन,
देवाधिदेव त्रीलाेकनायक कमठ मान विहंडनम |
तुम नाम निरमल सहज शीतल पापतिमिर भय दिनयरं,
लख चउराशि जीव बांधव नमाे पासजिणेसरम ||२||
श्रीसाेहम्मस्वामी शुद्ध मुनिवर आगम सूत्र प्रकासीय,
अंग ईग्यार उपांग बारे विविध भेद निवासीयम,
संदेह भजण मनह रंजन अेकमन जे सदहे,
धनकर्मगंजी पाप भंजी “सूरि राजेन्द्र” पद ते लहे ||३||
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