जीनवरिया रे…

(राग: केशराया रे केशाराया…)

जीनवरिया रे जीनवरिया &
तारा दर्शन हुँ पाउं & चित्त निर्मल कराउं,
मारा हैया मां प्रेमे पधराउं-2

पारस दरबार अावुं, वामानंदन गुण गावुं-2
प्रभु भेटी-भेटीने हरखावुं-2 हैया मां…1

भक्ति पुष्पाे ने लावुं, प्रभु चरणे चढावुं-2
प्रभु मुखडा पर वारी-वारी जावुं-2 हैया मां…2

श्रद्धा दीपक जलावुं, मन मंदिर सजावुं-2
जीवन अर्पण दूध लगावुं-2 हैया मां…3

प्रभु चिन्तामणि पावुं, नगर गुन्टुर गावुं-2
प्रभु चरणाे मां चित्त लगावुं-2 हैया मां…4

राज राजेन्द्र ध्यावुं, भक्ति भाव जगावुं-2
“जयन्तसेन” चरणे अपनावुं-2 हैया मां…5

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