पारस करता पारस न्यारा…

(राग: प्रभु मागुं तारी पास…)

पारस करता पारस न्यारा, पारस लाेह स्वर्णकारा
तूं ताे लाेहनाे पारस कार छे तारी महिमा जगमां अपार छे 1

प्राणत स्वर्गथी प्रभु चव्या, वामा कुक्षिमां अवतर्या
वंदे नाथने ईन्द्र वारंवार छे… तारी महिमा जगमां… 2

वामा माता जाेई हरखे, तात अश्वसेन हरखे
प्रभावतीना कंठहार छे… तारी महिमा जगमां… 3

अग्निथी उगार्याे साप, दूर कर्याे अंतरताप
बन्याे धरणेन्द्र प्रभुनाे उपकार छे… तारी महिमा जगमां… 4

नेम राजुल चित्र जाेई, चारित्र कर्म गया छाेई
तीर्थ स्थापाे करे विनंती देव छे… तारी महिमा जगमां… 5

रचे शिबिका सुरेन्द्र, अाव्या उद्याने जिनेन्द्र
धारे चार महाव्रत सार छे… तारी महिमा जगमां… 6

प्रभु विचरे गामाेगाम, दयाने अविचल मेरुधाम
कर्म घातीनाे थाय द्वारा छे… तारी महिमा जगमां… 7

सूर नर नमे भावे चरणे, देशना दे छे समवसरणे
छाेडाे छाेडाे नेेे छाेडाे संसार रे… तारी महिमा जगमां… 8

लाख चाेर्यासी जीव भमियाे, नरक निगाेदना दुःखे धमियाे
चेताे चेताेने चेताे अा वार रे… तारी महिमा जगमां… 9

प्रभुनी मधुरी मीठी वाणी, सुणता थाय कर्म हाणि
प्रतिबाेध पामे ले सार छे… तारी महिमां जगमां… 10

नाम अेक साे अाठ साचा, जपे कर्म थाय काचा
अाधि व्याधि उपाधि जाय छे… तारी महिमा जगमां… 11

राेग साेग दूर भागे, पूण्याेदय उत्कट जागे
हारी संकट सघळा जाय छे… तारी महिमा जगमां… 12

साल बे हजार छासठ, माेदि परिवार कर्मठ
थीरपुर-शंखेश्वर तीर्थ संघ छे… तारी महिमा जगमां… 13

सूरि राजेन्द्र मुक्तिदायी, जयानंद महिमा गायी
पारस वंदना निश्चय उद्धार छे… तारी महिमा जगमां… 14

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