पासकी पासकी पासकी रे…
Post by: arihant in Shri Parshwanath Stavan
(राग : वंदना वंदना वंदना रे…)
पासकी पासकी पासकी रे, वारी जाउं चिंतामणि पासकी रे;
नरक निगोद में महादु:ख पायो,
खबर लीनी नहि दासकी रे… वारी0।।1।।
भमत भमत तोरे चरणे अायो,
द्यो सेवा पद अापकी रे… वारी0।।2।।
बाल हुं मैं तुम केड लाग्यो अब,
तेरी सूरत पर अासकी रे… वारी0।।3।।
दिल के रमन तूं दिल की जाणे,
क्यां कहुं वचन विलासकी रे… वारी0।।4।।
अखय चिदानंद ‘अमृत’ लीला,
देई करो गुण रासकी रे… वारी0।।5।
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