राधा जेवा फूलडां ने…

(राग : अाँख मारी उघडे…/यह है पावनभूमि…/मेरा जीवन कोरा कागज…)

राधा जेवा फूलडां ने, शामल जेवो रंग;
अाज तारी अांगीनो कांई, रुडो बन्यो छे रंग,
प्यारा पासजी हो लाल! दीनदयाल मुजने नयणे निहाल… प्यारा0।।1।।
जोगीवाडे जागतो ने, मातो धिंगडमल्ल;
शामलो सोहामणो कांई, जीत्या अाठे मल्ल… प्यारा0।।2।।
तुं छे मारो साहिबो ने, हुं छुं तारो दास;
अाशा पूरो दासनी कांई, सांभली अरदास… प्यारा0।।3।।
देव सघला दीठां तेमां, एक तुं अवल्ल;
लाखेणुं छे लटकुं ताहरुं, देखी रीझे दिल्ल… प्यारा0।।4।।
कोई नमे पीरने ने, कोई नमे राम;
‘उदयरत्न’ कहे प्रभुजी, मारे तुमशुं काम… प्यारा0।।5।।

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