श्री शंखेश्वर निजरंगी
Post by: arihant in Shri Parshwanath Stavan
श्री शंखेश्वर निजरंगी प्राण जीवन प्रभु तारे…
अश्वसेन वामाजीके नंदन, चंदन सम हम सारे…
अणीयाळी ताेरी अंबुज अंखीया करूणारस भरी तारे…… (१)
नयन कचाेले अमृतराेले, भविजन काज सुधारे
भवि चकाेर चित्त हरखे निरखी चंद किरण सम सारे…… (२)
तेरा ही नाम रटत हुं निशदिन, अन्य आलंबन छारे
शरण पड्ये काे पार उतारे, अैसाे है बिरूद तुम्हारे…….. (३)
भ्रमत भ्रमत शंखेश्वर स्वामि, पामी भ्रम सब जारे
जन्म मरणकी भीति निवारी, वेगे कराे भवपारे………. (४)
आतमराम आनंद रस पूरण, तुं मुज काज सुधारे
अनाहत नाद बजे घट अंतर, तुंही तान उच्चारे……… (५)
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