तारजाे तारजाे रे…
Post by: arihant in Shri Parshwanath Stavan
तारजाे तारजाे तारजाे रे, प्रभु सेवक समजी तारजाे रे
वारजाे वारजाे, वारजाे रे मारा विषय कषायने वारजाे रे 1
जीवननी नावडी दरिये हंकारी अाप भराेसे लेजाे संभाली
अरजी अा मारी स्वीकारजाे रे…प्रभु सेवक0 2
मार्ग विकट छे घाेर अंधारु, अेथी में लीधुं शरणुं तमारुं,
तमाराे अेक अाधार जाे रे… प्रभु सेवक0 3
सिद्धि साधनामां सहाराे तमाराे, तार्या अनेक ने मुझने पण ताराे,
कल्याणकारी उद्धारजाे रे… प्रभु सेवक0 4
अभयदेवसूरि थया निराेगी, तमने ध्यावे छे याेगी ने भाेगी,
विनवुं छुं उर अवधारजाे रे… प्रभु सेवक0 5
ध्यान तमारुं धरुं दिलमां धारीने, अनेक जीव वर्या मुक्ति नारीने,
मारा हृदयमां पधारजाे रे… प्रभु सेवक0 6
सूरिराजेन्द्रजी स्थंभण पारसनाथ, जयन्तसेन रहाे भवभवमां साथ
मारा हैयामां शांति संचारजाे… प्रभु सेवक0 7
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