वामानंदन पासजी छाे…

(राग: जनम जनम का…)

वामानंदन पासजी छाे, नाथ अमारा, हाे नाथ &
त्रण जगतना तारणहारा, वंदन शत शत वारा वामानंदन0

अकलंकी अविकारा, अजरामर पद धारा &
अश्वसेन दूलारा, जगत जीव भय हारा &
शाश्वत दर्शन अनुपम स्वामी, उतारे भव पारा 1

नील वरणनी काया, जगदीपक जिनराया,
काम क्राेध नहि माया, सुरनर तुम गुण गाया &
शशि सम शीतल दिव्य द्रष्टि प्रभु, अविचल पद दातारा 2

अनंत गुण निधि देवा, ईन्द्र चंद्र करे सेवा &
प्रभु देवाधिदेवा, भेटत लहे शिव मेवा &
मुखडुं मलके नाथ तमारुं, प्रसन्न छे मनाेहारा 3

मनमाेहन शंखेश्वरा, चिंतामणि परमेश्वरा &
सहस्रफणा नागेश्वरा, अमीझरा जगदीश्वरा &
पारस पारस जेवा जगमां, महिमा अमित अपारा 4

“सूरि राजेन्द्रजी” स्वामी “यतीन्द्र” पद शिर नामी &
जगजीवन विसरामी, सिद्धगति प्रभु पामी &
“जयन्तसेन” अंतर मंदिरना, मालिक छाे प्रभु प्यार 5

Leave a comment