पारस वरकाणे…
Post by: arihant in Shri Parshwanath Stuti
पारस वरकाणे, नाडाेले श्रीनेम &
नाडाेलाई वन्दाे शान्तिजिनेश्वर तेम &
महावीर मुछाला, बाहिर धाणेराव &
वन्दाे रिषभेशर, राणकपुर शुभभाव 01
शत्रुंजय अाबू, तारंगे गिरनार &
सम्मेतशिखर वर, वीस जिणन्द सुखकार &
शंखेश्वर वन्दुं, अष्टापद चाेवीश &
वली जगमें तीरथ, प्रणमुं हू निशदिस 02
सिद्धान्त में भाष्या, शास्वताशाश्वत जेह &
ते सवि हूँ ध्याउं, चैत्य जैन ससनेह &
जिन अंगे उपांगे छेद पयन्ने सार &
“सूरि राजेन्द्र” भाखे, जिनपूजा सुखकार 03
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